कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद जवाहर सरकार ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही उन्होंने राजनीति छोड़ने का भी ऐलान कर दिया है। जवाहर ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को पत्र लिखकर इस फैसले की जानकरी दी। उन्होंने पत्र में आरजी कर अस्पताल में हुई घटना का जिक्र भी किया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि घटना को लेकर सरकार के कदम अपर्याप्त हैं, जिससे वह बहुत आहत हैं जिसकी वजह से वह पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं।
जवाहर ने रविवार को एक्स पर अपने पत्र को साझा करते हुए लिखा- मैं मुख्य रूप से आरजी कर अस्पताल में हुई भयानक रेप-हत्या मामले के बाद जन आंदोलन को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गलत तरीके से संभालने के कारण सांसदी से इस्तीफा दे रहा हूं। उन्होंने आगे लिखा कि राजनीति भी छोड़ रहा हूं, न्याय के लिए लोगों के संघर्ष में उनके साथ खड़ा होने के लिए। मूल्यों के प्रति मेरी प्रतिबद्धता अपरिवर्तित है।
उन्होंने लिखा मुझे लगता है कि अगर भ्रष्ट डॉक्टरों के गुट को ध्वस्त कर दिया जाता और इस निंदनीय घटना के तुरंत बाद अनुचित प्रशासनिक कार्रवाई करने वालों को दंडित किया जाता तो राज्य में सामान्य स्थिति बहाल हो सकती थी। मेरा मानना ​​है कि आंदोलन की मुख्यधारा गैर-राजनीतिक और स्वतःस्फूर्त है और इसे राजनीतिक बताकर टकराव का रुख अपनाना सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि बेशक विपक्षी दल मुश्किल हालात का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन युवा और आम लोग जो हर दूसरे दिन सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं, उन्हें प्रोत्साहित नहीं करते। वे राजनीति नहीं चाहते हैं, वे न्याय और सजा चाहते हैं। यह आंदोलन जितना अभय के पक्ष में है, उतना ही राज्य सरकार और पार्टी के खिलाफ भी है। इसके लिए तुरंत सुधार की जरूरत है, नहीं तो सांप्रदायिक ताकतें इस राज्य पर कब्जा कर लेंगी।