बिहार के मोतिहारी कोर्ट परिसर में कैदी ने शनिवार को हाजत के शौचालय में जाकर खुद को आग लगा ली। अन्य कैदियों के सहयोग से उसे जलने से बचा लिया गया। कैदी देवेन्द्र ठाकुर कुंडवाचैनपुर थाना क्षेत्र के खरूआ चैनपुर का निवासी है। गांव में हुई मारपीट के एक मामले में वह पिछले 2 माह से जेल में बंद है। बेल नहीं होने से नाराज होकर देवेंद्र ठाकुर ने यह आत्मघाती कदम उठाया।

जानकारी के अनुसार पुलिस उसे एसीजेएम-4 के न्यायालय में पेशी के लिए ले गयी थी। पेशी के बाद जब उसे हाजत में लाया जा रहा था तो रास्ते में उसने अपनी पत्नी से बोला कि जल्द बेल करा दें, नहीं तो आत्महत्या कर लूंगा। पत्नी ने उसे पंद्रह सौ रुपये दिये जो उसने झिड़ककर फेंक दिया। उसके बाद वह हाजत में घुसते शौचालय में चला गया। वहां गमछा में आग लगाकर उसे अपने मुंह में रख किवाड़ खोलकर बाहर निकला। अन्य कैदी यह देख दौड़े और आग बुझाने लगे। इस दौरान तरुण मिश्रा व एक अन्य कैदी मामूली रूप से झुलस गया। इसकी सूचना तुरंत न्यायालय को भी दी गयी।  सूचना पर एसडीओ इफ्तेखार अहमद, डीएसपी राजेश कुमार व थानाध्यक्ष अभय कुमार न्यायालय में पहुंचे। एसडीओ ने अनुमंडलीय अस्पताल से मेडिकल टीम बुलाकर उसका इलाज करवाया। मेडिकल टीम ने भी इलाज के बाद स्थिति खतरे से बाहर बताई है। कैदी देवेन्द्र ठाकुर ने एसडीओ को बताया कि उसे झूठे केस में फंसाया गया है।