नई दिल्ली। वनडे क्रिकेट में इंग्लैंड का पहला मुकाबला ऑस्ट्रेलिया से होगा, लेकिन टीम लगातार चार वनडे सीरीज हारकर टूर्नामेंट में प्रवेश कर रही है। इंग्लैंड के स्टार बल्लेबाज जो रूट ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 से पहले वनडे क्रिकेट में बल्लेबाजी की जटिलताओं पर खुलकर बात की है।
रूट का मानना है कि वनडे क्रिकेट में सफलता पाने के लिए खिलाड़ियों को नियमित रूप से खेलने के अधिक अवसर मिलने चाहिए। रूट ने कहा, मैंने अपने करियर में ऐसी दो पारियों के बारे में नहीं सुना जो बिल्कुल एक जैसी रही हों। बल्लेबाजी की कला परिस्थितियों का आकलन करने, दबाव में सही निर्णय लेने और स्थिति के अनुरूप खेलने में है। उनका मानना है कि हर मैच नई चुनौती लाता है और बल्लेबाज को खुद को हर बार नए सिरे से ढालना पड़ता है। इंग्लैंड की वनडे टीम की हालिया विफलताओं के बावजूद रूट का मानना है कि वह अब भी इस प्रारूप में अधिक सफलता हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 2023 वनडे विश्व कप में इंग्लैंड का सफर लीग चरण में ही खत्म हो गया था, जिसके बाद उनकी टीम की किस्मत वनडे में गिरावट की ओर गई। इसके बावजूद रूट ने कभी इस प्रारूप को छोड़ने की बात नहीं सोची। उन्होंने कहा, मैंने कभी संन्यास नहीं लिया और न ही यह कहा कि मैं इस प्रारूप में नहीं खेलना चाहता। मुझे लगता है कि किसी भी खिलाड़ी को टीम में चयन का दैवीय अधिकार नहीं होता। आपको अपने प्रदर्शन से इसे साबित करना होता है और यह सुनिश्चित करना होता है कि आप टीम को मजबूत बना रहे हैं, न कि उसे पीछे धकेल रहे हैं।रूट ने इंग्लैंड के खिलाड़ियों को 50 ओवर प्रारूप में खेलने और इसमें किस्मत बदलने के लिए अधिक अवसर देने की जरूरत पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, आज के समय में खिलाड़ियों को लगातार वनडे खेलने का मौका नहीं मिलता, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम सफल नहीं हो सकते। हमें इस प्रक्रिया को गति देने का तरीका खोजना होगा, जिसमें स्मार्ट रणनीति और अनुभवों को साझा करने की भूमिका अहम होगी। जब हम बड़े मैचों में निर्णायक क्षणों तक पहुंचें, तो हमें टीम को जीत दिलाने के लिए तैयार रहना होगा। रूट को भरोसा है कि इंग्लैंड के पास इस प्रारूप में फिर से मजबूत होने की क्षमता है। उन्होंने कहा, हमारे पास सही खिलाड़ी और भरपूर प्रतिभा है। हमें बस अपने खेल को बेहतर तरीके से लागू करने और एक मजबूत मानसिकता के साथ खेलने की जरूरत है।