इंदौर  ।   लोकायुक्त पुलिस ने हातोद तहसील के पटवारी को 8 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा। वह एक किसान से उनकी मां के नाम खरीदी गई, जमीन का नामांतरण पत्र देने के लिए एवज में 10 हजार की रिश्वत मांग रहा था । वह दो हजार रुपये पहले ही ले चुका था। चुनाव में डयूटी लग जाने के कारण उसने चुनाव बाद बाकी पैसों की मांग की थी। आरोपित पटवारी को सरकारी नौकरी में आए केवल चार साल ही हुए थे। लोकायुक्त डीएसपी आनंद यादव ने बताया कि हातोद के रहने वाले किसान धमेन्द्र सिंह राजपूत की शिकायत पर हातोद तहसील के पटवारी दीपक मिश्रा को 8 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया है। राजपूत ने अपनी मां के नाम से गांव में जमीन खरीदी थे। इसके नामांतरण के लिए इस साल फरवरी में तहसीलदार हातोद को आवेदन किया था। तहसीलदार ने आरोपी पटवारी मिश्रा को मौका निरीक्षण कर पटवारी रिपोर्ट देने के लिए कहा था। राजपूत ने सभी जरूरी दस्तावेज एवं निर्धारित शुल्क जमा करवा दिया था। फिर भी पटवारी मिश्रा ने आपत्ति प्रतिवेदन लगा दिया था। डीएसपी यादव ने बताया कि किसान राजपूत को इसकी जानकारी मिली जो वह पटवारी दीपक मिश्रा ने मिलने गया। इस पर मिश्रा ने उससे कहा कि इस काम के 10 हजार रुपये लगेंगे और 2 हजार रुपये उसी समय ले लिए।

चुनाव बाद आना

यादव ने बताया कि पैसे लेने के बाद भी पटवारी मिश्रा ने काम करने में देरी की। राजपूत उससे मिलने गया तो कहा कि मेरी डयूटी निकाय चुनावों में लग गई है। अब चुनाव बाद आकर शेष रुपये दे जाना और नामातंरण ले जाना। बुधवार को उसने रुपये लेकर बुलाया और खुद कार्यालय के बाहर चौराहे पर होटल पर आ गया। यहां पर उसने जैसे ही रुपये लेकर अपनी पेंट की जेब में रखे, हमारी टीम ने उसे पकड़ लिया। पकड़ाने पर उसने जेब से रुपये निकाल कर फेंक दिए।

किसान आकर बोले हर चीज के पैसे मांगता था

आरोपित पटवारी दीपक मिश्रा को जैसे ही पकड़ा गया, इसकी हातोद में खबर फैल गई। कई गांव वाले लोकायुक्त अधिकारियों के पास भी पहुंचे। उन्हें बताया कि दीपक मिश्रा बिना रुपये लिए कोई काम नहीं करता था। विवादित जमीनों के मामलों में उसकी विशेष रुचि थी। गांव के कई विवादित जमीनों के मामलों में उसने अच्छा खासा पैसा लिया था।