झारखण्ड : ट्रक ड्राइवर की बेटी ने जीता मिस आइकन इंडिया अवार्ड, किराए पर लिए कपड़े....
रांची के ओरमांझी ब्लॉक में एक गांव है रोला। इस गांव की बेटी सुषमा ने 'मिस आइकॉन ऑफ इंडिया' का खिताब जीता है। इस प्रतियोगिता का आयोजन छत्तीसगढ़ में हुआ था। एक साधारण परिवार से आने वाली सुषमा आम लड़कियों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है।
सुषमा के पिता राजेंद्र महतो ट्रक ड्राइवर हैं और मां उर्मिला खेतीबारी करती हैं। सुषमा बचपन से ही मॉडल बनना चाहती थीं। सपना अब पूरा हुआ। यह उन लड़िकयों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं। यही नहीं, सुषमा ने कस्तूरबा बालिका विद्यालय से मैट्रिक किया है। आरटीसी स्कूल, बूटी मोड़ से इंटर और अभी रांची विश्वविद्यालय के मासकॉम में प्रथम वर्ष की छात्रा हैं।
एंकरिंग ने दिखाई राह
सुषमा कहती हैं कि बचपन से ही एंकरिंग का शौक था। कई कार्यक्रमों में एंकिरंग करती हूं। ग्लैमर प्रोडक्शन हाउस, दिल्ली ने मिस आइकान आफ इंडिया प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए फोन किया तो हमें विश्वास ही नहीं हुआ। मैं एक गांव की रहने वाली हूं। घर-परिवार बहुत सामान्य।
फिर प्रोडक्शन हाउस ने बताया कि आपको एंकिरंग करते हुए देखा है और आप इसमें शामिल हों, तब थोड़ा विश्वास हुआ। प्रोडक्शन हाउस ने कार्यक्रम में भाग लेने और कार्यक्रम स्थल के बारे में जानकारी दी।
किराए पर लिए कपड़े
प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए मेरे पास कपड़े नहीं थे। पिता के पास भी इतने पैसे नहीं थे कि नया कपड़ा ले सकूं। कहीं पढ़ रखा था कि रांची के अरगोड़ा के पास किराए पर कपड़े मिलते हैं। गुगल पर सर्च किया तो पता चल गया। फोन किया तो बोला, आकर आप देख लें। इसके बाद यहां आकर कपड़ा पसंद किया।
पिताजी ने मुझे 3500 रुपये दिए थे तो मैंने दो हजार रुपये तक के वस्त्र भाड़े पर लिए। छत्तीसगढ़ आने-जाने में 1200 खर्च होना था और खाने-पीने और आटो भाड़ा के लिए तीन सौ बचा लिए थे। इस तरह रांची से छत्तीसगढ़ का सफर तय हुआ।
फिनाले में तीस का हुआ था चयन
सुषमा ने बताया कि फिनाले में तीस का चयन हुआ था। ये तीस लड़कियां बड़े-बड़े शहरों से ताल्लुक रखने वाली थीं। उनकी पढ़ाई भी अच्छे स्कूल-कालेज में हुई थी, जबकि मैं सरकारी स्कूल से थी। फिर भी हौसला कम नहीं हुआ। जब पांच मार्च को फिनाले की घोषणा हुई तो कान पर विश्वास नहीं हुआ। खिताब मेरे सिर पर बंध गया था।
वे आगे कहती हैं कि इतनी बड़ी खुशी की उम्मीद नहीं थी। आंखों से आंसू छलक उठे। यह किसी बड़े सपने के सच होने जैसा था। मां-पिता सभी खुश थे। गांव-घर सब। एक सपना देखा था, वह सच हुआ। मेहनत बेकार नहीं गई।
मिस इंडिया प्रतियोगिता में जाने की इच्छा
अब, सुषमा मिस इंडिया प्रतियोगिता में जाने की इच्छा रखती हैं। अगला लक्ष्य मिस इंडिया प्रतियोगिता में प्रतिनिधित्व करने का है। उन्होंने बताया कि आगे जो भी अवसर मिलेगा, आगे बढ़ेंगे। इसके लिए विशेष तैयारी करेंगे।
मां बोली-हमारी बेटियां बेटों से कम नहीं
सुषमा की छोटी बहन डाली कुमारी न्यू स्वणरेखा पब्लिक स्कूल गुड्डू पांचा में नौवीं की छात्रा है और उसे संगीत के क्षेत्र में जाना हे। मां उर्मिला देवी कहती हैं, तीन बेटियां हैं। बेटा नहीं है। हमारी बेटियां किसी बेटे से कम नहीं हैं।