मंडला ।  जबलपुर के बरेला से मंडला तक की 63 किमी लंबी जिस सड़क की खराब गुणवत्ता और काम में देरी के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को मंच से सार्वजनिक रूप से माफी मांगी, उस सड़क के मामले को पुलिस और प्रशासन ने सामान्य ही लिया है। सितंबर में टाइम लिमिट (टीएल) बैठक के दौरान कलेक्टर ने एसपी को इस सड़क से जुड़ी कंपनी पर एफआइआर दायर कराने के निर्देश देते हुए एक पत्र लिखा था, पर अब एसपी का कहना है कि उन्हें ऐसा कोई पत्र नहीं मिला। वहीं, टिकरिया थाने ने इस संबंध में किसी भी प्रकार की जानकारी से इन्कार कर दिया है। निर्माण कंपनी व एजेंसी पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। मंगलवार को भी इस दिशा में कोई पहल नजर नहीं आई।

ठेका कंपनी और अन्य विभागों की कलेक्टर ने ली थी बैठक

सितंबर 2022 में कलेक्टर हर्षिका सिंह ने एमपीआरडीसी, पीडब्ल्यूडी के अफसरों और ठेका कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। उन्होंने निर्माण कार्य में दैनिक प्रगति की रिपोर्ट देने और सड़क निर्माण की गति बढ़ाने के निर्देश भी दिए थे। बार-बार निर्देशों के बाद भी संतोषजनक प्रगति नहीं होने पर कलेक्टर ने समय सीमा बैठक में सड़क निर्माण कंपनी जीडीसीएल पर एफआइआर के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद निर्माण कंपनी के रवैये में कोई सुधार नहीं हुआ।

नहीं दर्ज हुआ मामला

कलेक्टर हर्षिका सिंह ने बताया कि नारायणगंज स्थित टिकरिया थाने को एफआइआर के निर्देश दिए थे, लेकिन उनके द्वारा एफआइआर दर्ज नहीं की गई है। वहीं पुलिस अधीक्षक यशपाल सिंह राजपूत ने कहना कि उन्हें इस संबंध में जानकारी नहीं है, ना ही उन्हें किसी भी प्रकार का पत्र प्राप्त हुआ है। थाना प्रभारी टिकरिया ने भी इस तरह के किसी भी मामले से इन्कार किया है।

इनका कहना है

जबलपुर- मंडला की सड़क की गुणवत्ता को लेकर जब श‍िकायत आई थी, तब संबंधित ठेकेदार पर जुर्माना की कार्रवाई की गई। सड़क खराब होने की वजह से दिक्कत आई है। हमने खुद सड़क की समीक्षा की है। जहां- जहां सड़क खराब है, उसे फिर से सुधारा जा रहा है।

बी. चंद्रशेखर, कमिश्नर, जबलपुर।