जयपुर. राजधानी जयपुर के आराध्य गोविंददेवजी ज्येष्ठ माह की शुरुआत के साथ ही जल विहार करेंगे. इस दिन से मंदिरों में जलविहार की झांकियां सजना भी शुरू हो जाएगी. गोविंददेवजी मंदिर और गोपीनाथजी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में ठाकुरजी के जेष्ठाभिषेक शुरू होगा. मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने बताया कि गोविंददेवजी मंदिर में 12 मई को जलयात्रा उत्सव के साथ जलविहार की झांकियों की शुरुआत होगी. ठाकुरजी दोपहर 12.30 से 12:45 बजे तक 15 मिनट जलविहार करेंगे. मंदिर में 11 जून को ज्येष्ठाभिषेक तक जलयात्रा उत्सव मनाया जाएगा.

12 मई से 11 जून तक जलयात्रा उत्सव होगा

मंदिर महंत ने बताया कि गोविंददेवजी मंदिर में 12 मई से 11 जून तक जलयात्रा उत्सव मनाया जाएगा. दोपहर 12:30 से 12:45 बजे तक मंदिर के गर्भगृह में सुगंधित जल की धारा प्रवाहित करता चांदी का फव्वारा चलेगा. इस दौरान ठाकुरजी सफेद धोती और दुपट्टा धारण किए हुए रहेंगे. जल विहार झांकी 15 मिनट के लिए खुली रहेगी. झांकी के बाद ठाकुरजी को पांच प्रहार के फलों और हलवे-पूड़ी का भोग लगेगा.  इसके अलावा मंदिर में 12 मई के बाद 18 मई, 12 मई, 23 मई अपरा एकादशी पर, 26 मई, 27 मई, 28 मई व 31 मई और 5 जून, 7 जून निर्जला एकादशी, 10 जून और 11 जून को जल विहार झांकियां सजाई जाएगी. इनमें निर्जला एकादशी पर 7 जून और 11 जून को जेष्ठाभिषेक दोपहर 12:30 बजे से 1:00 तक जबकि बाकी दिन दोपहर 12.30 से 12:45 तक जलविहार की झांकी सजेगी.

एक माह में 12 दिन करेंगे नौका विहार

गोविंददेवजी मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने बताया कि जयपुर के आराध्य देव गोविंददेव जीएक माह में 12 दिन ठाकुरजी नौका विहार करेंगे. यह दिन मंदिर में पर्व की तरह ही मनाया जाएगा. आपको बता दें कि गोविंद देव जी मंदिर में विशेष आयोजनों पर भक्तों की बाहरी भीड़ रहती है. ऐसे में अनुमान है कि ठाकुर जी के नौका विहार उत्सव में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे.