चीन में योग की बढ़ती लोकप्रियता, पीएम मोदी ने वांग झी चेंग के योगदान की तारीफ
चीन: चीन के शंघाई जैसे शहरों में आने वाले 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह की पहल की जा रही है. ये चीन के साथ भारत के गहराते सांस्कृतिक आदान-प्रदान, चीनी समाज में योग और भारतीय संस्कृति के बढ़ते प्रभाव को भी दिखा रहा है. इसी बीच शंघाई में भारत के महावाणिज्य दूत प्रतीक माथुर ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक पत्र झेजियांग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर वांग झी चेंग को सौंपा. अपने पत्र में पीएम मोदी ने चीन में योग और भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं के प्रचार-प्रसार में उनके प्रयासों की सराहना की है. उन्होंने कहा कि यह समारोह हांग्जो में प्रतिष्ठित झेजियांग विश्वविद्यालय परिसर में हुआ, जो भारत और चीन के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने में अनमोल क्षण रहा. इस साल ये राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं.
योग पर निकाली गई किताबों से जुटाई प्रशंसा
योग और भारतीय संस्कृति का प्रभाव शारीरिक व्यायाम से परे है, ये चीनी समाज में गहराई से देखा जाता है. प्रोफ़ेसर ने योग लाइब्रेरी सीरीज़ की पुस्तकों के मुख्य संपादक हैं. ये भगवद गीता और पतंजलि के योग सूत्रों सहित प्राचीन भारतीय ग्रंथों के उनके अनुवाद, सौ से ज़्यादा वर्चुअल चर्चाओं का विषय बन गए हैं. इन्हें चीन में काफ़ी प्रशंसा मिली है. 2016 में G20 शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री मोदी की हांग्जो यात्रा के दौरान, प्रोफ़ेसर वांग ने व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री को भगवद गीता का अपना अनुवाद दिया था. प्रोफ़ेसर वांग के प्रयासों ने चीन में योग की बढ़ती लोकप्रियता में अहम योगदान दिया है. यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए व्यापक रूप से अपनाई जाने वाली प्रथा के रूप में उभरा है.
योग में चीन के लोगों की बढ़ रही है रुचि
पिछले एक दशक में, योग ने चीनी शहरों में काफ़ी लोकप्रियता हासिल की है. इसमें लाखों लोग कक्षाओं, कार्यशालाओं और अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस जैसे कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं. अकेले झेजियांग प्रांत में, हांग्जो, वुई और जियाक्सिंग जैसे शहरों ने बड़े पैमाने पर योग सभाओं की मेजबानी की है. इसमें हजारों लोग उत्साह के साथ शामिल हुए हैं. योग को लेकर चीनी लोगों की जीवनशैली में ये बदलाव योग के बढ़ते प्रभाव को दिखाता है. ये ताई ची जैसी पारंपरिक प्रथाओं के साथ सामंजस्यपूर्ण रूप से मिला हुआ है. योग स्वास्थ्य के लिए लोगों के समग्र दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है. प्रोफेसर वांग ने भारतीय दार्शनिक परंपराओं में युवा चीनी लोगों के बीच बढ़ती रुचि पर ध्यान दिया है. जो ध्यान, संतुलन और आंतरिक शांति तथा चीन की अपनी सांस्कृतिक विरासत के साथ जुड़े मूल्यों पर जोर देती है.