10 एकड़ जमीन, एक 'टाइगर' और मौत का प्लान – कोलकाता के होटल से शुरू हुआ खूनी खेल

झारखंड की राजधानी रांची में 26 मार्च को हुई बहुचर्चित भाजपा नेता अनिल टाइगर हत्याकांड मामले का खुलासा हो गया है. रांची के एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा द्वारा गठित एसआईटी टीम ने खुलासा किया है. दरअसल, राजधानी रांची के ही कांके थाना क्षेत्र के ही चामगुरु मौजा की 10 एकड़ जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद हुआ था. बीजेपी नेता अनिल टाइगर की दिनदहाड़े कांके थाना क्षेत्र के कांके चौक पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
पूरे हत्याकांड मामले का खुलासा करते हुए रांची के एसएसपी सह डीआईजी चंदन कुमार सिन्हा ने कहा कि कांके थाना क्षेत्र के चामगुरु मौजा की लगभग 10 एकड़ की बेशकीमती जमीन को लेकर भाजपा नेता अनिल टाइगर और रांची के ही बड़ा लाल स्ट्रीट किशोरगंज(पालकोट हाउस) के रहने वाले देवव्रत नाथ शाहदेव, दामोदर नाथ शाहदेव के बीच विवाद हुआ था.
देवव्रत नाथ शाहदेव उस 10 एकड़ जमीन पर अपना हक जताते हुए कब्जा करने का प्रयास कर रहे थे, जिसका अनिल टाइगर विरोध कर रहा था. जमीन को देवव्रत नाथ शाहदेव अपने अन्य जमीन कारोबारी सहयोगियों की मदद से बिक्री करने का प्रयास कर रहा था. लेकिन बार-बार अनिल टाइगर के विरोध के कारण देवव्रत सहदेव जमीन पर ना कब्जा कर पा रहे थे न ही उसकी बिक्री.
झगड़े को सुलझाने के लिए हुई थी बैठक
इसके बाद दिसंबर 2023 में देवव्रत नाथ शाहदेव के पक्ष में हार्मोन के रहने वाले विनोद पासवान ने पहल की. विनोद के घर पर जमीन विवाद के मसले को हल करने के लिए अनिल टाइगर और देवव्रत नाथ शाहदेव के बीच बैठक रखी गई थी. इस बैठक में अनिल महतो ने प्रति डिसमिल 50000 रुपए की दर से 4.50 करोड़ रूपया की मांग की थी. हालांकि यह बैठक सफल नहीं हो सकी और देवव्रत नाथ शाहदेव और अनिल टाइगर के बीच की दुश्मनी बढ़ गई. उस दौरान देवव्रत नाथ शाहदेव ने अनिल महतो पर पिस्टल भी तान दी थी.
बातचीत विफल होने के बाद देवव्रत नाथ शाहदेव लगातार विवादित जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे थे. इसी बीच उन्होंने रांची के सांसद संजय सेठ के सांसद निधि से विवादित 10 एकड़ जमीन तक रोड बनाने का फैसला कराया और उनसे ही शिलान्यास करवाने के लिए कार्यक्रम रखवाया. लेकिन सांसद संजय सेठ जो वर्तमान में देश के केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री हैं. वह शिलान्यास करने पहुंचे तो वहां अनिल टाइगर और अन्य ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया. जिसके बाद सांसद बिना शिलान्यास किए कार्यक्रम रद्द करते हुए लौट गए.
मर्डर के लिए दी थी सुपारी
बार-बार जमीन पर कब्जा में रोड़ा बन रहे भाजपा नेता अनिल टाइगर को आखिरकार रास्ते से हटाने के लिए मुख्य साजिशकर्ता देवव्रत नाथ शाहदेव ने अभिषेक सिन्हा और सूरज सिन्हा को हत्या की सुपारी दी. दोनों ही कुख्यात अपराधी भी रहे हैं. कुख्यात अपराधी अभिषेक सिन्हा और सूरज सिन्हा ने हत्या की सुपारी लेने के बाद अनिल टाइगर की हत्या की योजना कोलकाता के एक होटल में बैठकर बनाई. अपने शूटर अमन सिंह एवं रोहित वर्मा को दो लाख रुपए अनिल टाइगर की हत्या करने के एवज में ऑनलाइन ट्रांसफर किए.
दिनदहाड़े मारी थी गोली
इसके बाद दोनों रोहित वर्मा और अमन सिंह ने रांची के कांके थाना क्षेत्र अंतर्गत कांके चौक के समीप दिनदहाड़े 26 मार्च को गोली मारकर अनिल टाइगर की हत्या कर दी गई थी. हालांकि हत्या के कुछ देर बाद ही पुलिस ने ग्रामीणों के सहयोग से शूटर रोहित वर्मा को गिरफ्तार कर लिया वहीं पुलिस ने अब इस मामले का खुलासा करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. देवव्रत नाथ शाहदेव, अभिषेक सिन्हा, रोहित वर्मा, अमन सिंह, जीशान अख्तर उर्फ जिशु,मनीष चौरसिया और अजय कुमार रजक का नाम शामिल है.